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वर्तमान समय में अंग्रेजी भाषा का उपयोग ज्यादा किया जाता है परंतु हिंदी जो हमारी मातृभाषा है इसका सही ज्ञान होना भी अत्यंत आवश्यक है। हिंदी बोलचाल में प्रयोग की जाने वाली हमारी अपनी भाषा है जिसके सही ज्ञान के लिए हिंदी व्याकरण की जानकारी होना जरूरी हो जाता है। हिंदी व्याकरण भी हिंदी भाषा के लिए जरूरी और आधार होता है। जो भाषा को शुद्ध तरीके से पढ़ने और लिखने के लिए उसका सहायक होता है। क्रिया विशेषण हिंदी व्याकरण का एक जरूरी भाग है अंग्रेजी में इसे adverb के नाम से जाना जाता है। हिंदी व्याकरण में कई सारे ऐसे विषय हैं जिनके बारे में छोटी कक्षा से लेकर बड़ी एवं महत्त्वपूर्ण प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रश्न पूछे जाते हैं जैसे- वर्ण, शब्द, वाक्य, संज्ञा, सर्वनाम, अव्यय ,क्रिया ,क्रिया विशेषण,समास,पद परिचय आधारित प्रश्न I इसके बिना हिंदी व्याकरण को समझना कठिन हो सकता है। इस ब्लॉग में क्रियाविशेषण की परिभाषा भेद को विस्तार से सरल शब्दों में समझाया गया है I इसके साथ ही kriya Visheshan in Hindi की आधारित वस्तुनिष्ठ प्रश्न का अभ्यास भी पाठ के नीचे दिए गए लिंक से कर सकते हैं ।
क्रिया विशेषण की परिभाषा ( Kriya Visheshan in hindi )
किसी वाक्य में प्रयुक्त वैसे शब्द जो क्रिया की विशेषता को बताता है अथवा जो शब्द क्रिया की विशेषता का बोध कराता है, उसे क्रिया विशेषण कहते हैं।
उदाहरण:
चीता धरती पर सबसे तेज दौड़ने वाला जानवर है।
कछुआ धीरे-धीरे चलता है।
उपयुक्त उदाहरण में “दौड़ना” क्रिया है और सबसे “तेज” क्रिया की विशेषता है वैसे ही “चलना” क्रिया है और “धीरे-धीरे” उसकी विशेषता है।
क्रिया विशेषण के उदाहरण (Kriya Visheshan ke udaharan)
- हाथी धीरे-धीरे आगे बढ़ता है।
- संजय धीरे चलता है।
- मैं वहां नहीं आऊंगा।
- हमे यहां से आगे जाना है।
- वह प्रतिदिन पूजा करता है।
- हिरण तेज़ भागता है।
क्रिया विशेषण के भेद (Kriya Visheshan ke bhed)
क्रिया विशेषण चार प्रकार के होते हैं जो कि निम्नलिखित है ।
- स्थानवाचक
- कालवाचक क्रियाविशेषण
- परिमाणवाचक क्रियाविशेषण
- रीतिवाचक क्रियाविशेषण
स्थानवाचक क्रियाविशेषण (Sthan Vachak kriya visheshan)
किसी वाक्य में प्रयुक्त वैसे शब्द जो क्रिया के संपादित होने के स्थान का बोध कराता है ,उन शब्दों को स्थानवाचक क्रियाविशेषण कहा जाता है ।जैसे यहां, वहां, कहां, जहां,ऊपर, आगे, पीछे, भीतर, बाहर, सामने, नीचे, आदि।
उदाहरण –
रमेश यहां आओ।
माया तुम वहां क्या कर रही थी।
पिता ने पुत्र से पूछा कि तुम कहां गए थे?
तुम्हारे सामने कौन खड़ा है।
अपने नीचे देखो।
वहां ऊपर कौन है?
तुम्हारे आगे कौन चल रहा है।
थोड़ी देर के लिए बाहर आना।
उपयुक्त प्रत्येक वाक्यों में रेखांकित सभी शब्द स्थानवाचक क्रियाविशेषण के उदाहरण हैं।
कालवाचक क्रियाविशेषण (Kal vachak kriya visheshan)
किसी वाक्य में प्रयुक्त वैसे शब्द जिससे क्रिया के होने की समय का पता चले तो उन शब्दों को कालवाचक क्रियाविशेषण कहा जाता है। जैसे- परसों, कभी, अब तक, अभी-अभी, पहले, पीछे, आदि।
उदाहरण –
कल हम शहर जा रहे हैं।
पहले उस लड़के ने धक्का मारा था।
सभी मेरे पीछे चलो।
तुम कब सुधरोगे।
अब तक मैं चार बार लंदन जा आया हूं।
अभी-अभी तो मैंने खाना खाया।
उपयुक्त प्रत्येक वाक्यों में रेखांकित सभी शब्द कालवाचक क्रियाविशेषण के उदाहरण हैं।
परिमाणवाचक क्रियाविशेषण (Pariman vachak visheshan)
किसी वाक्य में प्रयुक्त वैसे शब्द जिससे क्रिया के किसी निश्चित परिमाण का बोध हो उन शब्दों को परिमाणवाचक क्रियाविशेषण कहा जाता है। जैसे – बहुत, अधिक, कुछ, थोड़ा, काफी, केवल, इतना, थोड़ा-थोड़ा आदि –
उदाहरण –
आप बहुत अच्छे इंसान हो।
तुमने खाना बहुत अधिक खा लिया है।
आप अपने शरारती लड़के का कुछ करो।
मुझे थोड़े से गेहूं उधार दो।
केवल इतने से पैसों के लिए तुमने झूठ बोला।
थोड़ा-थोड़ा धन बचा कर ही अमीर बनता है।
सब लड़के एक-एक करके अंदर जाओ।
उपयुक्त प्रत्येक वाक्यों में रेखांकित सभी शब्द परिमाणवाचक क्रियाविशेषण के उदाहरण हैं।
रीतिवाचक क्रियाविशेषण (Riti vachak kriya visheshan)
किसी वाक्य में प्रयुक्त वैसे शब्द जिससे क्रिया के करने की रीति का बोध हो उन शब्दों को रीतिवाचक क्रिया विशेषण कहा जाता है, जैसे – धीरे-धीरे, जल्दी, रोज आदि।
उदाहरण –
वह बहुत धीरे-धीरे चल रहा है।
आपको क्या जल्दी लगी है।
आप रोज समय पर नहीं पहुंचते हो।
उपयुक्त प्रत्येक वाक्यों में रेखांकित सभी शब्द रीतिवाचक क्रियाविशेषण के उदाहरण हैं।
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